देश में करोना से मृत्युदर 1.73% लेकिन छत्तीसगढ़ में आधी से भी कम 0.84%
टेस्टिंग बढ़ने के साथ-साथ करोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ी है जो स्वाभाविक है
टेस्टिंग बढ़ने से मरीजों का आइसोलेशन और करोना संक्रमण पर बेहतर नियंत्रण संभव हुआ है
रायपुर। 6 सितंबर 2020 । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा करोना से लड़ाई में आज लिये फैसलों का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और पूरी सरकार जिस तरह से संयम और संतुलन के साथ जनहित में फैसले ले रही है उससे यह आशा छत्तीसगढ़ में बलवती हो रही है कि हम सब करोना के खिलाफ लड़ाई जीतने में सफल होंगे। करोना मरीजों को निशुल्क दवाई वितरण बेड की संख्या बढ़ाई जाने जैसे जनहितकारी फैसलों से करुणा से लड़ने और जीतने का छत्तीसगढ़ का संकल्प और दृढ़ हुआ है ।आज छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अधिकारी सफाई कर्मी स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर पुलिस वाले पंचायती राज संस्थाओं के ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के पदाधिकारी और पंचायत कर्मी पूरी ताकत से करोना के खिलाफ लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में इस लड़ाई में अनेक योद्धाओं ने अपनी जान तक गंवाई है। करोना महामारी की समस्या से सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरा देश और पूरा विश्व जूझ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग बढ़ाए जाने और केंद्र सरकार द्वारा आवागमन में ढिलाई दिए जाने के परिणाम स्वरूप करोना संक्रमण के केसेस की संख्या भी बढ़ी हैऔर छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए करोना के खिलाफ लड़ाई को तेज करते हुए लगातार महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। शुरू से छत्तीसगढ़ सरकार ने तेजी से फैसले लेते हुए परिस्थितियों के अनुरूप राज्य में जनहित में फैसले लिए और इसी का परिणाम है कि देश में करोना के मरीजों की मृत्यु दर 1.73% है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह इसकी आधी से भी कम मात्र .84% ही है.
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में करोना की जांच के लिए लैब की सुविधा पहले सिर्फ रायपुर में थी लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने युद्ध स्तर पर कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग की लैब जगदलपुर अंबिकापुर राजनांदगांव बिलासपुर जैसे स्थानों भी स्थापित की और अब सरकार प्रतिदिन बाईस हजार सैंपल टेस्ट करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। टेस्टिंग बढ़ने के साथ-साथ करोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ी है जो स्वाभाविक है। टेस्टिंग बढ़ने से मरीजों का आइसोलेशन और करोना संक्रमण पर बेहतर नियंत्रण संभव हुआ है।