रायपुर/10 अगस्त 2020। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार के कुप्रबंधन का दुष्परिणाम है देश मे कोरोना संक्रमण प्रभावितों की संख्या 20 लाख पार हो गयी, 20 लाख करोड़ का अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई, 10 करोड़ हाथ रोजगार विहीन हो गए। मजदूर सड़को पर भटकते रहे। कोरोना संकट में भी मोदी सरकार ने गरीब मजदूरों, छात्रों, कामकाजी महिलाओं, दिव्यांगजनो को कोई राहत पैकेज नही दिया कोई आर्थिक मदद नही की। कोरोना महामारी से लड़ने जनसहयोग के लिए बनाई गई पीएमकेयर फ़ंड से भी राज्यो को कोई खास मदद नही मिला। पीएमकेयर फ़ंड भी भाजपा समर्थित चंद उद्योगपत्तियो का राहत पैकेज बन गया भाजपा के लिए कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार की काली कमाई का जरिया बन गया। कोरोना संकटकाल में, गरीब वर्ग, मध्यम वर्ग लगातार कोरोना की पीड़ा झेल रहा है रोजी रोजगार की गम्भीर संकट उत्तपन्न हो गई है। देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। 10 करोड़ हाथ रोजगार विहीन हो गए। संकटकाल में मजदूरों को रेल की सुविधा नहीं दी। सड़क में पैदल चलना पड़ा, खाने के लिये, मजदूरी के लिये, इलाज के लिये गरीब वर्ग और मध्यम वर्ग को तरसना पड़ा। छोटे दुकानदार उन दुकान में नौकरी करने वाले लोग निजी संस्थानों में नौकरी करने वाले लोग, मध्यम वर्ग के लोग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुये है। यह दुर्भाग्य की बात है कि मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लिये कोई चिंता ही नहीं किया। गरीबों के लिये गरीब कल्याण योजना लागू की लेकिन छत्तीसगढ़ को उससे बाहर रखा, राजनैतिक कारणों से। इस प्रकार मोदी सरकार गरीब वर्ग और मध्यम वर्ग इन दोनों के खिलाफ लगातार काम कर रही है
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार के कुप्रबंध के कारण कोरोना देश भर में फैला उसका परिणाम मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग को झेलना पड़ा। कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित गरीबों, प्रवासी मजदूरों, किसानों, भूमिहर कृषि मजदूरों, दिहाड़ी मजदूर काम करने वालों और जिन लोगों ने अपनी नौकरी खोई है। जिनकी नौकरी गई है, जिनकी छटनी हुई है, वो लोग अलग है। अपंजीकृत व्यवसायियों, असंगठित क्षेत्र के वो लोग, जिनकी नौकरी चली गई है, स्वरोजगार करने वालों, दुकानदार और वह मध्यम वर्ग, जिसका पैसा समाप्त हो चुका है और वो ऋण लेने के लिए मजबूर है। मोदी सरकार ने इन सबके दर्द, वेदना की अनदेखी कर उन सबसे मुंह फेर लिया है।सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर मोदी सरकार ने पूरे देश का लाक डाउन कर दिया। रेल, बस सब यातायात के साधन बंद कर दिये। लाखों मजदूर भाई और बहन सैकड़ों हजारों किलोमीटर का सफर तय कर थके हारे भूखे प्यासे बगैर राशन बगैर दवाई बच्चों को गोद में उठाए और थोड़ी बहुत जमा पूंजी सामान और लॉक डाउन के कारण हुआ कर्ज भी पीठ पर लादकर पांव में छाले लेकर जब अपने घर गांव वापस जा रहे हैं तो उनको घर पहुंचाने की जवाबदारी देश की सरकार की थी।