आरक्षण के समर्थन और सीएए, एनआरसी, एनपीए के विरोध में राजधानी में धरना प्रदर्शन

रायपुर, केंद्र सरकार द्वारा संविधान विरोधी, जन विरोधी कानून नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), एनआरसी और एनपीए लागू करने को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसके विरोध में सभी समाजिक संगठन आंदोलन की राह सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। छत्‍तीसगढ़ की राजधानी में भी आज भारत बंद के समर्थन में धरना प्रदर्शन आयोजित कर प्रधानमंत्री और राष्‍ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। एससी,एसटी, ओबीसी, अल्‍पसंख्‍यक संयुक्‍त मोर्चा छत्‍तीसगढ के बैनर तले 6 सूत्री मांगों के समर्थन में नायब तहसीलदार राकेश देवांगन को ज्ञापन सौंपा गया। शहर के राजीव गांधी चौक से रैली निकाल कर डीकेएस अस्‍पताल चौक होकर प्रदर्शनकारियों ने डॉ. अंबेडकर प्रतिमा के सामने रैली को समाप्‍त किया गया। संविधान बचाओ संठगन द्वारा जारी धरना प्रदर्शन के समापन अवसर पर आज 60 लोगों के उपवास को पानी पिलाकर तोड़ा गया।

संयुक्‍त मोर्चा के संयोजक एडवोकेट रामकृष्‍ण जांगड़े ने बताया कि एससी,एसटी, ओबीसी समाज के आरक्षण को संविधान के 9 वी अनुसूची में लाने एवं सीएए, एनआरसी, एनपीआर को वापस लेने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। संविधान बचाओ, संघर्ष समिति द्वारा डॉं. अंबेडकर चौक रायपुर में शाहीन बाग की तर्ज पर मौन आंदोलन का 60 वां दिन पूर्ण होने पर 60 लोगों द्वारा आज एक दिवसीय धरना एवं सर्वधर्म उपवास कर सीएए, एनपीआर, एनआरसी के विरोध में एवं संविधान के पक्ष में आरक्षण के समर्थन में प्रदर्शन किया गया।

डॉ. जांगड़े ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं मानते हुये आरक्षण को राज्य सरकारो के विवेक पर छोड़ दिया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार चाहे तो इन वर्गों को आरक्षण दे और नही चाहे तो आरक्षण न दे। माननीय न्यायपालिका द्वारा न्यायपालिका द्वारा समय-समय पर संविधान के मंशा के विपरीत आरक्षण पर निर्णय देने के कारण आज यह वर्ग संविधान लागू होने के बाद से ही अपने संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिये सड़को पर संघर्ष कर रहा है।

प्रमुख रुप से मांगों में मांग:-

(1) एस सी/एस टी/ओबीसी वर्ग के आरक्षण को संविधान के 9वीं अनुसूची में लाया जाये।

(2) एस सी/एस टी/ओबीसी समाज को न्यायपालिका में आरक्षण दिया जाये।

(3) 2021 के जनगणना में ओबीसी समाज का जातिगत जनगणना कराई जाये।

(4) केंद्र सरकार संविधान विरोधी,जन विरोधी कानून सीएए, एनआरसी, एनपीआर वापस ले।

(5) सार्वजनिक कंपनियों को निजी हाथों में बेचना बन्द करें।

(6) एससी / एसटी समाज पर जाति हिंसा बन्द करे। कानपुर और नागौर के दलितों पर अत्याचार करने वाले सवर्णों को तत्काल एससी / एसटी एक्ट में गिरफ्तार किया जाये।

आंदोलन में प्रमुख रुप से एड. रामकृष्‍ण जांगड़े, रघुनंदन साहू, डॉ. लक्ष्‍मण भारती, बीएस जागृत, गुलाब टंडन, भास्‍कर, केपी खंडे, शाहिद सिद्वकी, जावेद खान, शोएब, फखरुद्वीन, मो. यासीन, जितेंद्र सोनकर, सुनील गंगवीर, हेमंत जोशी, रियाज अली, राईश सिद्वकी, श्रीमती सुमन नेताम, अंजू मेश्राम, निशार अली छत्‍तीसगढ़ के समस्त सामाजिक संगठन एस सी/एस टी/ओबीसी/ अल्‍पसंख्‍यक समाज छत्तीसगढ़, संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़, अज्जाक्स छत्तीसगढ़, अपाक्स छत्तीसगढ, ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़, सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़, प्रगतिशील सतनामी समाज छत्तीसगढ़, भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ, भीम आर्मी छत्तीसगढ़, भीम रेजीमेंट, छ.ग. नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति ने सहयोग प्रदान किया।

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