भोपाल, पारिस्थितिकीय संतुलन में गिद्ध की महत्वपूर्ण भूमिका है। जानवरों का सड़ा, बदबूदार माँस और गंदगी मिनटों में चट कर ये पर्यावरण को स्वच्छ और सम्पूर्ण पृथ्वी को महामारी से बचाते हैं। भारत सहित विश्व में गिद्धों की चिंतनीय ढंग से कम हुई संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश में गिद्धों के संरक्षण के कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। गिद्धों को विलुप्तप्राय बनाने में सबसे बड़ा कारण डायक्लोफिनेक नामक दवा की मृत पशु अवशेषों में मौजूदगी है।
मध्यप्रदेश में 7 प्रजाति के, भारत में 9 और विश्व में 22 प्रकार के गिद्ध पाये जाते हैं। प्रदेश में सफेद गिद्ध, चमर गिद्ध, देशी गिद्ध, पतल चोंच गिद्ध, राज गिद्ध, हिमालयी गिद्ध, यूरेशियाई गिद्ध और काला गिद्ध की मौजूदगी मिली है।