आपदा राहत कार्यों के बजाय छत्तीसगढ़ का धन पीएम केयर फंड में भेजने, वर्चुअल रैली और गलत बयानी पर भाजपा नेताओं का फ़ोकस
रायपुर/07 जून 2020। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने
कहा है कि लगातार 15 साल भष्टाचार और कमीशनखोरी में डूबे रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता अब तक अहंकार और आत्ममुग्धता की अवस्था से बाहर ही नहीं आ पा रहे है! तथ्यहिन और आधारहीन बयानबाजी करके वर्चुअल दुनिया में जीने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता अब वर्चुअल रैली का सहारा लेने की बात कर रहे हैं! असल बात यह है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ना केवल प्रदेश के जनता का विश्वास खो चुकी है बल्कि अब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि विगत विधानसभा चुनाव 2018 के समय भारतीय जनता पार्टी के आंकड़ों के अनुसार ही छत्तीसगढ़ में लगभग 57 लाख मिस्ड कॉल कार्यकर्ता थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी को 2018 के विधानसभा चुनाव में केवल 40 लाख वोट प्राप्त हुए! अब विष्णुदेव साय ने नए सदस्य जोड़ने के बाद 30 हज़ार लोगों को वर्चुअल रैली में शामिल करने का लक्ष्य रखा है!
विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर सिमटनें के बाद लगातार दो उपचुनाव में भी करारी शिकस्त मिली! नगरी निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया! लगातार खिसकते जनाधार से भारतीय जनता पार्टी के नेता मानसिक दिवालियेपन की अवस्था में पहुंच चुके हैं!
नान और धान घोटालो के गुनाहगारों को छत्तीसगढ़ की जनता जान भी चुकी है और समझ भी चुकी है! अंतागढ़ में लोकतंत्र का गला घोटने वाले असल गुनहगार भी बेनकाब हो चुके हैं! प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली के जिम्मेदारों को भी छत्तीसगढ़ की जनता ने पहचान लिया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल के कुशासन और 15 महीने के सुशासन में यह स्पष्ट हो चुका है की कौन सी सरकार जो 2100/- समर्थन मूल्य और ₹300/- बोनस के नाम पर लगातार किसानों से वादाखिलाफी करती रही और कौन सी सरकार है जिन्होंने न केवल तत्काल किसानों की ऋणमाफी की, बल्कि तमाम व्यवधानों और अड़ंगों के बीच धान का समर्थन मूल्य भी पूरे देश में सर्वाधिक ₹2500/- प्रति क्विंटल देने का काम किया है! आदिवासी परिवार को जर्सी गाय, किसानों को 5 एचपी के बिजली बिल माफ जैसे भाजपा के तमाम वादे केवल वचनपत्र तक ही सीमित रहे! वही डेढ़ साल के भीतर कांग्रेस द्वारा किए गए 36 में से 22 बड़े वादे पूरे कर भूपेश सरकार ने जनता का विश्वास जीता है!
आपदा काल में भी भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता कहीं भी जनता की सुविधा और मदद के लिए काम करते हुए नहीं दिखे! जनता के केयर की चिंता के बजाय भाजपा नेताओं को पीएम के केयर फंड की अधिक चिंता रही!
आपदा काल में श्रमिकों की दुर्दशा, भूख और थकान के असल गुनाहगार केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेता अब उनसे माफी मांगने के बजाय कोरोना संक्रमण के लिए इन्हें ही जिम्मेदार ठहराने लगे हैं!
भाजपा अध्यक्ष द्वारा प्रदेश वापस लौटे श्रमिकों को छोटा आदमी कहां जाना भारतीय जनता पार्टी के पूंजीवादी मानसिकता को प्रमाणित करता है! असलियत यह है कि भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनाधार वाले नेताओं के हक का गला घोटने की प्रवृत्ति चरम पर है!
रमन सिंह के दागी चेहरे को छत्तीसगढ़ की जनता के साथ ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी पहचान लिया है और इसी लिए सीधे तौर स्वीकार करने से बच रही है! रामविचार नेताम, ननकीराम कंवर, कृष्णमूर्ति बांधी, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, विजय बघेल, प्रेम प्रकाश पांडे और केदार कश्यप जैसे नेताओं की उपेक्षा कर विष्णुदेव साय को अध्यक्ष बनाना भाजपा के अधिनायकवादी और पूंजीवादी मजबूरी को प्रमाणित करता है!
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का रिमोट कंट्रोल रमन सिंह के हाथ में ही बनाए रखना भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की मजबूरी को ही साबित करता है!
आपदा के दौरान छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता, जनता की मदद करने के बजाय ग़लत बयानी कर उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं!
प्रदेश के सीएसआर फंड विभिन्न माध्यमों से प्राप्त दान और सहयोग राशि के साथ ही भाजपा के सांसदों के वेतन और सांसद निधि का पैसा भी राज्य के हक को बाईपास करके इनके द्वारा पीएम केयर फंड में जमा कराया गया।