डॉ० रमन सिंह ने सरकार के कामकाज पर लगाए बेबुनियाद एवं मिथ्या आरोप-कांग्रेस

भाजपा में जारी अंदरूनी रस्साकशी और गुटबाजी से हताशा में है डॉ० रमन सिंह-कांग्रेस

 रायपुर/07 जून 2020। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि डॉ० रमन सिंह ने भूपेश सरकार के कामकाज पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए सरकार की नाकामियां गिनाई हैं, जो ना सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि निरर्थक भी है। पिछले दिनों देश की ख्याति प्राप्त एजेंसी द्वारा समूचे देश की राज्य सरकारों सहित छत्तीसगढ़  सरकार के कामकाज की प्राथमिकता, प्रशासन, प्रबंधन सहित विभिन्न मुद्दों पर जनता का अभिमत मांगते सर्वे किया था और देश भर के मुख्यमंत्रियों से तुलना एवं आकलन करते हुए एक सूची घोषित की थी, जिसमें छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भाजपा शासित राज्यों से ऊपर तथा देश में दूसरे स्थान पर मुख्यमंत्रियों की सूची में सूचीबद्ध कर, सरकार के कामकाज, सोच और दिशा पर मुहर लगाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह की स्मरण क्षमता इतनी क्षीण नहीं है, कि वह सब भूल जाएं। सर्वे रिपोर्ट भाजपा शासित राज्यों एवं छत्तीसगढ़ की विपक्षी पार्टी भाजपा के लिए आईना की तरह है। लेकिन उन्होंने विपक्षी पार्टी के नेता के रूप में बेजान भूमिका निभाते हुए मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं, जो गैर जरूरी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भारतवर्ष का पहला राज्य है, जहां भूपेश सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था डांवाडोल नहीं हुई है। जनता में आज भी क्रय शक्ति बरकरार है। किसान, मजदूर, व्यापारी, उद्योगपति, छोटे व्यवसायी, कारोबारी सहित हर वर्ग का नागरिक खुशहाल  है।सरकार की प्राथमिकताएं तय है तथा प्रशासन के कामकाज में सुदृढ़ता और कसावट बनी हुई है। नक्सलवादी हिंसा से धीरे-धीरे राज्य उबर रहा है। पिछली सरकार के कुशासन से पीड़ित और भटके हुए लोग बड़ी संख्या में मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं। रमनसिंह की सरकार से पहले दक्षिण बस्तर के तीन ब्लाकों  तक पंहुच माओवाद 15 साल में छत्तीसगढ़ के 16 जिलों तक फैल गया था लेकिन अब माओवादी घटनाओं में कमी आ रही है।
प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की विफलता और लापरवाही के कारण देश भर में कोरोनावायरस का संक्रमण फैला जो अब सामुदायिक संक्रमण का रूप ले रहा है फिर भी छत्तीसगढ़ राज्य में इसे बड़ी हद तक नियंत्रित किया गया है और फैलाव से रोका गया है। इस तरह भूपेश सरकार के डेढ़ वर्षो के कामों की जितनी उपलब्धियां गिनाई जाए वह कम है। भा जा पा में अंदरूनी तौर पर चल रही रस्साकशी और गुटबाजी से नेता एवं कार्यकर्ता हताशा में हैं। कुछ माह पहले हुए नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनावों में भारी पराजय से भा ज पा अभी तक मुक्त नहीं हो पायी  है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर भाजपा बेवजह मिथ्या आरोप गढ़ते रहती है।   

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