रायपुर। भारतीय जनता पार्टी विधि विभाग के प्रदेश संयोजक नरेशचंद्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार द्वारा डॉ. आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट संविदा नियुक्ति को लेकर प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। श्री गुप्ता ने कहा कि नान घोटाले के आरोपी अधिकारी की संविदा नियुक्ति से साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार घोटालेबाज़ों को संरक्षण देकर उन्हें उपकृत कर रही है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के नाम पर ढोल पीटने वाली कांग्रेस सरकार का राजनीतिक पाखंड पूरी तरह बेनक़ाब हो चुका है।
भाजपा विधि विभाग के प्रदेश संयोजक श्री गुप्ता ने कहा कि डॉ. शुक्ला की संविदा नियुक्ति करके प्रदेश सरकार ने अपनी विश्वसनीयता को ख़ुद दाँव पर लगाने का काम किया है। एक तरफ़ प्रदेश सरकार राजस्व आय में कमी के बहाने बनाकर वेतनवृद्धि रोकने का फ़रमान सुना रही है और 30 फ़ीसदी वेतन कटौती के प्रस्ताव पर विचार कर अन्याय करने पर आमादा नज़र आ रही है, वहीं दूसरी ओर नान घोटाले के उस आरोपी को रिटायरमेंट के बाद संविदा नियुक्ति देकर प्रदेश के ख़ज़ाने पर बोझ डाल रही है जो नान घोटाले में चार्जशीटेड है और जिसके निलंबन की सिफ़ारिश स्वयं तत्कालीन मुख्य सचिव ने की थी और इसकी बाक़ायदा नोटशीट चली थी। श्री गुप्ता ने हैरत जताई कि ऐसे भ्रष्टाचार के आरोपी की नियुक्ति करके उसे प्रमुख सचिव स्तर की ज़िम्मेदारी सौंप रही है जो प्रदेश सरकार की प्रशासनिक समझ व सूझबूझ के दीवालिएपन का परिचायक है। प्रदेश सरकार यह स्पष्ट करे कि आख़िर उसकी मंशा क्या है?