सौंदर्यीकरण के लिए सप्रे शाला,दानी स्कूल का मैदान छोटा किये जाने और सुलभ शौचालय तोड़े जाने का किया विरोध।
पार्षदों ने कहा कि बूढ़ा तालाब के संरक्षण हेतु की जा रहे प्रयासों का हम स्वागत करते है पर इस कार्य में पारदर्शिता बरते और क्षेत्रीय पार्षदों व जनप्रतिनिधियों की राय भी ली जानी चहिए
रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने नगर निगम रायपुर द्वारा बूढ़ा तालाब में हो रहे कार्यों को लेकर तीखे सवाल खड़े किए है। पार्षद सर्वश्री सूर्यकांत राठौर, मनोज वर्मा,सरिता आकाश दुबे, सरिता वर्मा,सीमा कंदोई और चंद्रपाल धनगर ने कहा की सौन्द्रीयकरण के नाम पर जनता के पैसों की बर्बादी अनुचित है। 5 करोड़ की लागत से बूढ़ातालाब के चारों ओर सोलर लाइटें व सोलर पैनल व सब स्टेशन लगाई गई है जिन्हें तोड़ा जा रहा है। यहा तक कि रायपुर का गौरव माधवराव सप्रे स्कूल, जीआर दानी स्कूल व डिग्री गर्ल्स कॉलेज मैदान को भी छोटा किया जा रहा है ।पार्षदों ने कहा कि बूढ़ा तालाब के संरक्षण हेतु की जा रहे प्रयासों का हम स्वागत करते है पर इस कार्य में पारदर्शिता बरते और क्षेत्रीय पार्षदों व जनप्रतिनिधियों की राय भी ली जानी चहिए।
पार्षदों ने कहा कि पूर्व से ही सौंदर्यीकरण की योजना स्वीकृत थी,विस्तृत प्रोजेक्ट बना था। पर्यटन विभाग के माध्यम से सौन्द्रीयकरण हेतु कार्य हो रहे थे।वैसे बिना सरकारी धन लगाए भी यहा विकास कार्य हो सकते है। ऐसे में बड़ी रकम इस हेतु खर्च करना अनुचित होता है।
भाजपा पार्षदों ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान माधवराव सप्रे स्कूल,जीआर दानी स्कूल व डिग्री गर्ल्स कॉलेज मैदान छोटा करने का कांग्रेस पार्टी व खेलसंघो से जुड़े लोगों ने व्यापक विरोध किया था । आज कांग्रेस पार्टी के वही कर्ता धर्ता निगम में बैठकर फिर इन शिक्षा संस्थानों के मैदान को छोटा करने का वही काम कर रहे है।
उन्होंने नगर निगम में बैठे कुछ लोग सप्रे साला मैदान के किनारे सुलभ शौचालय जो उस क्षेत्र से गुजरने वाले सैकड़ों लोगों का प्रतिदिन उपयोग आता है,वही आसपास के बस्तीवाले भी उसका उपयोग करते है। उसे भी तोडा जाना गलत है।
भाजपा पार्षदों ने कहा है कि तलाब से सिंर्फ जलकुंभी व गाद को निकालकर निगम प्रशासन ऐसा साबित करने का प्रयास कर रहा है जैसे उन्होंने तालाब का कायाकल्प कर दिया है। जबकि इसके आड़ में बड़ा आर्थिक भ्रष्टाचार का होना प्रतीत हो रहा है।
पार्षदों ने सीधे तौर पर कहा कि अगर इन शैक्षणिक संस्थानों के मैदानों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई तो वे जनता के साथ सड़क पर आकर अपना विरोध दर्ज करेंगे।