बृजमोहन ने कहा 13 लाख आदिवासी परिवारों के अधिकारों का हनन कर रही राज्य सरकार।
रायपुर: पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने तेंदूपत्ता संग्राहकों और उनके परिवार के लिए प्रारंभ की गई बीमा योजना बंद किये जाने पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह बीमा और उससे लाभ आदिवासियों का अधिकार था। इस अधिकार के हनन से सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर हो गया है।
बृजमोहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लगभग 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए लागू की गई बीमा योजना का लाभ राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम की राशि भुगतान नही किये जाने के कारण अब उन्हें नही मिल रहा है। 2 लाख रुपये के इस बीमा योजना के तहत मृतक तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार मुआवजे से वंचित है। यहा सरकार ने वनवासियों के साथ अन्याय करते हुए असंवेदनशीलता का परिचय दिया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की वनवासियों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना, उनका भविष्य सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि वे जंगलों में अपनी जान हथेली पर लेकर वनवासी परिवार तेंदूपत्ता तोड़ते है। हाथी,भालू जैसे जंगली जानवरों के हमले का भय उनमें सदा बना रहता है।इसी बात को ध्यान में रखते हुए बीमा की योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत मौत साधारण हो या दुर्घटना में, बीमा का लाभ 2 लाख रुपये परिवार को मिलना सुनिश्चित था। परंतु अब हितग्राही सैकड़ों परिवार बीमा के लाभ से वंचित है। परिवार के मुखिया के चले जाने से सैकड़ों परिवार असहाय हो गए है। ऐसे में सरकार का यह निर्णय आदिवासी विरोधी है।
बृजमोहन में महासमुंद जिले का जिक्र करते हुए कहा कि 140 संग्राहक मुखिया तथा 23 समूह परिवार ने बीमा के लिए भुगतान का दावा किया है पर उन्हें राशि नही मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को वनवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।